Bakari farm: मोटी रकम दिलाता है सिरोही नस्ल का बकरा, अगर पाल दिया तो हो जाएंगे मालामाल, जान लीजिए कीमत
Bakari farm: मोटी रकम दिलाता है सिरोही नस्ल का बकरा, अगर पाल दिया तो हो जाएंगे मालामाल, जान लीजिए कीमत
कृषि के साथ पशुपालन का महत्व तेजी से बढ़ रहा है, खासकर उन किसानों के लिए जो अपनी आमदनी को बढ़ाने के इच्छुक हैं। उन्नत नस्ल के पशुओं का पालन करने से न केवल आय में वृद्धि होती है, बल्कि परिवार की पोषण सुरक्षा भी होती है। ऐसी ही एक नस्ल है सिरोही बकरी, जो अपने दूध और मांस की गुणवत्ता के कारण देशभर में प्रसिद्ध हो रही है।
सिरोही नस्ल की विशेषताएं
सिरोही नस्ल की बकरी मुख्यतः राजस्थान के सिरोही, पाली, राजसमंद, अजमेर, जयपुर, टोंक और गुजरात के सीमावर्ती जिलों में पाई जाती है। यह बकरी भूरे रंग की होती है, जिसमें हल्के और गहरे धब्बे होते हैं। इसकी जांघों पर बड़े-बड़े बाल होते हैं और गर्दन पर लटकन होती है। सिरोही बकरी की एक विशेषता यह है कि यह साल में दो बार बच्चों को जन्म देती है। 60 प्रतिशत मामलों में यह जुड़वा बच्चों को ही जन्म देती है, जिससे एक साल में एक बकरी से चार बच्चे प्राप्त हो सकते हैं।
सिरोही नस्ल की बकरी 19 से 20 माह की आयु में पहली बार बच्चे को जन्म देती है और इसके बाद यह नियमित रूप से हर साल बच्चों को जन्म देती है। प्रतिदिन 1 से 2 लीटर दूध देने वाली इस नस्ल की बकरी का दूध सुपाच्य और पौष्टिक होता है। यह विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और रोगियों के लिए उपयुक्त है, जिन्हें भैंस का दूध पचाने में कठिनाई होती है।
कम निवेश में ज्यादा मुनाफा
किसान यदि छोटे स्तर पर सिरोही नस्ल की बकरी पालन का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो यह उनके लिए अत्यधिक लाभकारी हो सकता है। उदाहरण के लिए, 10 बकरियों से व्यवसाय शुरू करने के लिए केवल 30,000 रुपये की पूंजी की आवश्यकता होती है। एक साल में इससे लगभग 15,000 से 18,000 रुपये की आय हो सकती है।